Wednesday, May 19, 2010

"udan Khatola"


उड़न खटोला होता दिल तो उड़ जाती
ख्यालों के संग,
छू आती आसमान और रंग बिरंगे रंग,
पंख बिना ही हो आती , जहाँ मन भरता है उड़ान,
जिस मंजिल की तलाश में खोई मैं सुबह शाम ,
न कोई डगर, न कोई मुकाम ,और न ही कोई नाम ,
बस दूर से ही कर आती, उस मंज़र को सलाम.

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