Monday, February 15, 2010

"Yaad use kiya jaata hai,bhulaya ho jise"


आज फिर ये दिल वही फरियाद करता है
साथ बीते लम्हे फिर याद करता है
क्यों धडकता है दिल
जब देखे बरसों बीत गए
फिर वही बीते वक़्त की दरकार करता है
क्यों यादों के समुन्दर ने घर बना लिया इस दिल में
क्या वो भी वहां मुझे याद करता है
कभी पूछूँ उनसे की याद करते हो किसे
धीमी सी मुस्कान और जवाब मिलता है मुझे
याद उसे किया जाता है ,भुलाया हो जिसे

Thursday, February 4, 2010

"intezar"


" इंतज़ार"

बेकरारी,बेबसी या बस बेखुदी सी है
खुद को खो दिया है या खुद में खो गयी हूँ मैं
धीरे से बहार निकली,फिर सन्नाटा क्यों लगा
या इस बैरागी दिल की धड़कन सुन रही हूँ मैं
ये सहमी सहमी धड़कन भी अब अपनी न लगे
क्यों धड़क रहा है अब भी ये दिल,शायद उम्मीद है उसे
पलों से घंटे,घंटों से दिन,दिनों से महीने ,महीने बने साल
ये करवट बदलते दिन,कभी तो मीलों लम्बे रस्ते,और कभी मात्र क्षण से लगें
कब आएगा आराम इस तड़पते दिल को
जब आएगा विराम इस धडकते दिल को.

Tuesday, February 2, 2010

"soulmate"


The words unsaid,we meet again
Yesterday they were and today they are
For joy and tears,for words incomplete
who cares, as long as it is the meeting of soulmates,once again.
the journey of lives,from today,from the past life,from time immemorial
just a glance, a simple look, the feel of the hand
makes us cross the bridge
once again,towards our solumate...for ever and ever..