एक सुंदर एहसास हो तुम या कोई पुरानी याद हो तुम
हो मेरे ही हमसफ़र,या कोई अजनबी ख्वाब हो तुम
दिल से निकली आह हो तुम या मुझसे ही लिपटी आग हो तुम
हो मेरे तुम हमकदम या यूँ ही बढती प्यास हो तुम
ठहरी गहरी सी रात हो तुम या तेज़ बरसती फुहार हो तुम
मेरे ही दिल की धड़कन हो या उनकी चलती सांस हो तुम
किस्सा एक कहानी का हो या कोई कहानी ख़ास हो तुम
जो भी हो जहाँ भी हो,मेरे ही जज़्बात हो तुम
इन आँखों का तुम सपना हो और दिल के कितने पास हो तुम
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