"SOUL-MATE"
Wednesday, May 19, 2010
"udan Khatola"
उड़न खटोला होता दिल तो उड़ जाती
ख्यालों के संग,
छू आती आसमान और रंग बिरंगे रंग,
पंख बिना ही हो आती , जहाँ मन भरता है उड़ान,
जिस मंजिल की तलाश में खोई मैं सुबह शाम ,
न कोई डगर, न कोई मुकाम ,और न ही कोई नाम ,
बस दूर से ही कर आती, उस मंज़र को सलाम.
2 comments:
Unknown
May 19, 2010 at 12:00 PM
kya baat hai!! bahut hi sundar kavita hai ....
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"SOUL-MATE" <3
May 19, 2010 at 8:04 PM
thanks Shruti.
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kya baat hai!! bahut hi sundar kavita hai ....
ReplyDeletethanks Shruti.
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