" उड़ान "
इन बहकती फिज़ाओं में खो जाना चाहता है...
हर पल, इस पल, जीना चाहता है दिल,
अपने दायरों की ख़ामोशी से, उन तुफानो की गरज में मिल जाना चाहता है...
गहरे सन्नाटों से निकल,मीलों लम्बी तनहाइयों में रह गुज़र करना चाहता है दिल,
छोड़ के दुनिया का मेला, गहरी मदहोशियों को गले लगाना चाहता है ...
उठा के हाथ अपने, उस आसमान को फिर छूना चाहता है दिल,
तोड़ के सब पहरे,ऊंची उड़ान भरना चाहता है...
हर पल,एक पल, इस पल जीना चाहता है दिल...
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